Wednesday, May 5, 2010

गुजरात के लिए सी बी आई का मतलब है कांग्रेस ब्यूरो आफ इंजस्टिस

जिस तरह से गुजरात में पिछले कुछ सालो से महज एक एन्कोउन्टर को लेकर पूरे देश की एजेंसिया, केंद्र सर्कार और यहाँ तक की अदालत भी हो- हो हल्ला मचा रही है उससे तो ये ही लग रहा है की गुजरात के लिए सी बी आई का मतलब है कांग्रेस ब्यूरो आफ इंजस्टिस. दर असला गुजरात में सत्ता से बहार रहना कांग्रेस को पाच नहीं रहा है. ये ही वजह है की एक सोहराबुद्दीन की मौत को लेकर ऐसे बवाल मचाया जा रहा है जैसे वह देश के लिए शहीद हो गया हो.

गुजरात इस समय गोल्डेन जुबिली मना रहा है और हमें इस बात का गर्व होना चाहिए की आज गुजरात की प्रगति पर पूरा देश गर्व कर रहा है. इसका अगर किसी को श्री जाना चाहिए तो वो है गुजरात के विकाश पुरुष नरेन्द्र मोदी , जिनकी अगवानी में गुजरात ने ये तरक्की हासिल की है. लगातार विरोधियो का शिकार होने के बावजूद मोदी ने वह काम किया है, जो आज तक इस देस की किसी सरकार ने नहीं किया है. जिस एन्कोउन्टर और मोदी को मुस्लिम विरोधी बताकर बवाल मचाया जा रहा है उसी का परिणाम है की पूरे देश में अत्नाकी गतिविधिया होती रही है लेकिन गुजरात में २००२ के बाद कोई दंगा नहीं और कोई आतंकी घटना नहीं हुई है.
अब अगर एन्कोउन्टर की ही बात करे तो केंद्र सरकार लगातार सी बी आई के उपयोग गुजरात के लिए कर रही है. हलाकि इससे गुजरात में नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता ही बढ़ी है. इस बारे में बीजेपी संसद पुरुषोत्तम रुपालाकहते है की केद्र की सरकार जनता द्वारा चुनी गई एक ऐसी सरकार को निशाना बना रही है जिसे जनता अपनी आँखों पैर बिठा रही है और वह सरकार देश की सबसे लोकप्रिय सरकार है. अब तो कांग्रेस के लिए दिक्कत ये है की गुजरात की जनता ही सी बी आई के खिलाफ रोड पे उतरने की तयारी कर रही है.
देश में अगर एन्कोउन्टर की बात करे तो २००२ में कुल ५५ एनकाउंटर हुए थे जिसमे से यूं पी में ४४, २००३ में कुल ११८ एनकाउंटर में यूं पी में ७८, आन्ध्र में ५, बिहार में ५, महाराष्ट्र में ५ और गुजरात में २, २००४ में कुल १०९ एनकाउंटर में यूं पी में ६८, आन्ध्र में ९ , बिहार में ५, महाराष्ट्र में ४ और गुजरात में ४,२००५ में कुल ८४ एनकाउंटर में यूं पी में ५४, आन्ध्र में ५, बिहार में 7, महाराष्ट्र में ४ और गुजरात में ६, २००६ में कुल ४५ एनकाउंटर में यूं पी में २९, आन्ध्र में ३ , बिहार में ३, और गुजरात में ४, और २००७ में कुल ३६१ एनकाउंटर में यूं पी में ५१ , आन्ध्र में ५, बिहार में १६ और गुजरात में १ एनकाउंटर हुआ था. लेकिन एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, पर वह किसी भी एनकाउंटर की जाँच नहीं हुई. वह क्या किसी भी राज्य में एक भी एनकाउंटरकी जाँच नहीं हुई. उसका कारन ये है की या तो वह कांग्रेस की सरकार है या फिर कांग्रेस को समर्थन करनेवाले दल की सरकार है. केंद्र सरकार गुजरात की पुलिस के आत्मबल को बस हताश करने चाहती है , नहीं तो एक दो एनकाउंटर को लेकर इतना बड़ा बवाल मचने की जरुरत नहीं है.

इन कांग्रेसियो को ये नहीं दीखता है की अफजल गुरु जैसे कितने लोगो को सालो साल पहले फासी की सजा सुनाई गयी है पर उस पर अमल कर पाना इन कांग्रेसियों के बस की बल नहीं है. क्यों की अगर अफजल को फासी होती है तो उससे कांग्रेसियों का वोते खिसक जायेगा. इसलिए देश में आतंकी हमला करते रहे और कांग्रेस अपने वोट की चिंता करती रहे.

पर गुजरात तो जैसे केंद्र सरकार के आँखों की किरकिरी बन चूका है. एनकाउंटर ही नहीं, मुस्लिमो को इस कदर मोदी के खिलाफ भड़काया जाता है जैसे मोदी उनके दुश्मन हो. जबकि हकीकत ये है की गुजरात में मुस्लिम जितने खुश है, उतने किसी और राज्य में नहीं है. गुजरात में इतनी शांति और विकास हो रहा है की लोग आहा खुश है. हल में अमिताभ बच्चन जब गुजरात के लिए प्रोमोट करने को राजी हुए तो कांग्रेसियों ने ऐसा हल्ला मचाया जैसे अमिताभ ने कोई गुनाह कर दिया हो. अमिताभ की ये खबर हप्तो अखबारों के कागज को काला करती रही और क्नाग्रेसी खुश होते रहे. कांग्रेसियों की मानसिकता ही ऐसे बन गयी है की वो विकाश पुरुष को देख नहीं सकते. आज महाराष्ट्र भी गोल्डेन जुबिली मना रहा है लेकिन यहाँ के किसान अपनी आत्महत्या की गोल्डेन जुबिली मना रहे है. ये कांग्रेसियों को नहीं दीखता है की देश को अनाज देनेवाला आज इस देश में भूखो मर रहा है.
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